खुशहाल गांव की प्यारी सी कहानी | stories for kids in Hindi

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 stories for kids in Hindi

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खुशहाल गांव

(खुशहाल गांव की प्यारी सी कहानी) 

 एक समय की बात है कि एक गांव हुआ करता था वह गांव बहुत ही पुराना होने के साथ साथ बहुत ही खुशहाल था गांव के पास ही एक नदी बहा करती थी गांव में बच्चे खेलते रहते थे स्कूल जाते थे।

 

 गांव में दो पुराने बरगद के पेड़ भी थे जो आमने सामने थे। किसान खेतों का काम खत्म करके श्याम को ख़ुशी ख़ुशी घर वापिस आ जाते थे।

 

 किसानो द्वारा बोई गई फसल भी बहुत अच्छी होती थी, बारिश सही समय पर होती थी जिससे गांव में पानी की कमी भी नहीं होती थी। सुबह होने पर चिड़ियाँ और पक्षी चहचहाते थे।

 बच्चों के खेलने की रौनक के साथ श्याम ख़त्म हो जाती थी। गाँव में सभी बहुत खुश थे। उस गांव से कुछ ही दुरी पर गांव से भी पुराना एक जंगल था। जंगल में बहुत से पशु-पक्षी रहा करते थे जो बहुत ही खुश थे।

 

 सभी पशु-पक्षी आपस में मिल-जुल कर रहते थे, बातें करते और गाना भी गाते थे। 

लेकिन एक समय ऐसा आया कि बाजार में लकड़ी से बने सामानों की मांग बढ़ गई जिस कारण शहर के लोग जंगल आकर धीरे धीरे सभी पेड़ों को काटने लगे। एक दिन उनके पास गांव जा एक बुजुर्ग व्यक्ति आया और कहने लगा –

“अरे तुम ये क्या कर रहे हो अगर तुम ये पेड़ काटोगे तो बहुत बुरा समय आएगा ” 

 

बस इतना कहकर वह व्यक्ति वहां से चला गया पेड़ काटने वालों ने उसकी बात नहीं मानी और एक दिन ऐसा आया कि जंगल के सभी पेड़ खत्म हो गए। 

 गर्मी का समय आ गया गर्मी से बचने के लिए किसी भी पशु-पक्षी को झाँव नहीं मिलती थी। गांव के पास बहने वाली नदी धीरे-धीरे सुख गई। 

 

पशु पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं मिलता था ऊपर से सूरज भी बहुत अधिक चमकने लग गया था। 

 

किसानों को खेतों में पानी नहीं मिल रहा था। जिससे फसल सूखने लग गयी थी। 

सभी पशु-पक्षी और गांव में रहने वाले सभी लोग बारिश के लिए भगवान से प्राथना करते।  मेंढ़क बोलते –

इधर से दूसरे मेंढक बोलने लगे –
“हे भगवन हमें बहुत प्यास लग रही है और गरमी सहन नहीं होती कृपया बारिश गिरा दो “

“बारिश …. बारिश …….. बारिश …...

 

सभी पशु पक्षी चहचहाते हुए बोलते –

 

“हे भगवान बारिश …… बारिश …… बारिश  ……”

उस बुजुर्ग व्यक्ति की बात बिलकुल सही हो रही थी। 

गांव में जो दो पेड़ थे वो आपस में बोलते अगर बारिश नहीं हुई तो हम सुख जायेंगे। 

 

वह भगवन से  प्राथना करते हे भगवान बारिश डाल दो। जब सूरज का चेहरा बहुत अधिक चमकने लगा और गर्मी बढ़ गई तब गांव के सभी लोगो ने इकट्ठा होकर प्राथना की हे भगवन बारिश डाल दो। 

 

सभी लोग सच्चे मन से भगवान से प्राथना करने लगे। 

 

एक दिन भगवान से गांव के सभी लोगों की प्राथना सुनी और देखते ही देखते आसमान में काले बदले आने लगे।  कुछ समय बाद बहुत तेज बारिश होने लगी फसलें फिर से लहरा  उठी पशु-पक्षी बारिश में ख़ुशी से नाचने लगे। 

 

नदी में फिर से पानी आ गया। गांव के लोग फिर से खुशहाल रहने लगे। 

बारिश खत्म होने पर उस गांव में भगवन प्रकट हुए और गांव वालों से कहा –

 

“अगर तुम अपंने गांव में इसी तरह की खुशहाली चाहते हो तो अपने गांव में अधिक से अधिक पेड़ लगाओ फिर तुम्हारे गांव में सूखा कभी नहीं पड़ेगा “

 

बस गांव के सभी लोगों और बच्चों गांव के आसपास पेड़ लगाने शुरू कर दिए। गांव में पेड़ बड़े बड़े हो गए और फिर से गांव खुशहाल हो गया। 

 

(कहानी की शिक्षा) 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें पेड़ नहीं काटने चाहिए। अपने घर और गांव के आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। 

 
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