तकलीफ़ सहनी पड़ती है – motivational story in hindi for success

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एक बार एक छोटा सा गांव था जहां एक लड़का, रवि, रहता था। रवि बहुत ही मेहनती और सपनों से भरा हुआ था। उसका सपना था कि वह एक दिन देश का प्रसिद्ध वाद्य-नृत्य कलाकार बनेगा। उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन कभी-कभी वह हिम्मत हार जाता था।

एक दिन, रवि अपने गांव में एक बुढ़े व्यक्ति से मिला, जिसका नाम रामदास था। रामदास गांव में सबसे पुराने व्यक्ति माने जाते थे, और उनके पास हमेशा बहुत सी कहानियाँ होती थी। रवि ने रामदास से मिलने का मौका पकड़ा और उनसे प्रेरक कहानियों की प्रार्थना की।

रामदास ने रवि को अपनी कहानी सुनाने के लिए बिठाया और कहानी शुरू की। उन्होंने रवि को एक व्यक्ति के बारे में बताया, जिसका नाम सुधीर था। सुधीर भी एक गरीब गांव से था और वह भी अपने कलाकार सपनों को पूरा करने का सपना देखता था।

सुधीर अपनी मेहनत और लगन से दिन-रात काम करता था। वह कैसे न कैसे करके रुपये को बचाकर अपने कलाकार बनने के सपने को पूरा करने की कोशिश करता था। लेकिन समय के साथ, उसके मन में भी कभी-कभी हिम्मत टूट जाती थी।

एक दिन सुधीर को पता चला कि एक प्रसिद्ध वाद्य-नृत्य सम्मेलन आसपास की शहरों में होने वाला है। उसने अपने पूरी बचत जमा करके सम्मेलन में हिस्सा लेने का फ़ैसला किया। लेकिन जब वह सम्मेलन पहुंचा, तब उसे पता चला कि उसके पास सिर्फ़ इतना पैसा है कि वह एक दिन का भोजन कर सके।

सुधीर के सामने दो रास्ते थे – या तो वह भोजन के लिए पैसा खर्च कर सकता था या वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसे बचा सकता था। सुधीर ने फ़ैसला किया कि वह भोजन के बजाय अपने सपनों को जीने का मौका दे देगा।

वह सम्मेलन में बिना खाना खाए अपना वाद्य-नृत्य प्रस्तुत किया। उसका प्रस्तुतिकरण इतना शानदार था कि सभी लोग उसकी ओर देख रहे थे। सम्मेलन के अंत में, जब सभी लोग clapping कर रहे थे, एक व्यक्ति ने सुधीर को बुलाया और उसे अपने साथ ले गया।

वह व्यक्ति सुधीर को बताया कि वह उसका प्रस्तुतिकरण देखकर प्रभावित हुआ है और उसने तय किया है कि वह उसको अपने कलाकार संगीत संस्थान में ले जाएगा। सुधीर का सपना पूरा हुआ और वह उस दिन से एक प्रसिद्ध वाद्य-नृत्य कलाकार बन गया।

रामदास कहानी सुनने के बाद रवि से बोला, “बेटा, यह कहानी तुझे क्या सिखाती है?” रवि ने कहा, “यह कहानी मुझे यह सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपने सपनों को जीने के लिए कुछ समय के लिए तकलीफ़ सहनी पड़ती है। लेकिन अगर हम मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की तरफ़ बढ़े, तो किसी भी हिम्मत हारे हुए सपने को हक़ीक़त में बदल सकते हैं।”

रवि ने इस प्रेरक कहानी से बहुत कुछ सीखा और वह उस दिन से अपने सपनों को पूरा करने के लिए और भी ज़्यादा मेहनत करने लगा। उसने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और आखिर में वह देश का प्रसिद्ध वाद्य-नृत्य कलाकार बना।

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