बाज़ की कहानी – motivational story in hindi for success

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पूरी दुनिया में पक्षियों की दस हजार से भी ज्यादा प्रजातिया पायी जाती है। सभी के वही दो पंजे, दो पंख और एक गर्दन होती है।

लेकिन इन्ही में से एक ऐसा पक्षी है जिसकी एक अलग ही पहचान है जो आसमान का सीना चीर के हजारो मीटर ऊपर 120km/h की रफ़्तार से उड़ता है जो खुद के कई गुना अधिक वजन के शिकार को भी अपने पंजो पे दबोच कर उड़ जाता है और इसी लिए उसे पक्षियों का राजा कहाँ जाता है जिसे हम बाज़ के नाम से जानते है और एक बाज़ इतना ऊँचा मुकाम हांसिल करता है अपनी ट्रेनिंग और अपनी पुनर्मजन्म की वजह से।

अगर आप भी इस दुनिया में एक मुकाम हांसिल करना चाहते है तो एक बाज़ को बाज़ बनने का पूरा सफर आपको जानना बहुत जरुरी है क्योकिं 25 से 30 की उम्र तक आने के बाद भी लोगो को रिस्क लेने से डर लगता है।

लेकिन एक बाज़ की जीवन की शुरुआत ही रिस्क से होती है जिस उम्र में बाकि पक्षियों के बच्चे सिर्फ ची-ची करना सीखते है उस उम्र में एक मादा बाज़ अपने बच्चो को पंजो में दबोज़ कर हज़रो मीटर आसमान की उंचाईओ में उड़ जाती है।

उसे ये बताने के लिए की तेरा जन्म आसमान का सीना चीर के सबसे ऊपर उड़ने के लिए हुआ है, तेरा जन्म पंक्षियों का बादशाह बनने के लिए हुआ है।

ज़मीन से हज़रो मीटर ऊपर लेजाकर मादा बाज़ अपने पंजो से उसे छोड़ देती है और यही से सुरु होती है उसकी हाई रिस्क ट्रेनिंग वो चूज़ा ज़मीन की तरफ तेज़ी से गिरने लगता है थोड़ा निचे आता है तो उसके पंख खुलने लगते है निचे आते-आते वो अपने पंख फड़फड़ाने लगता है।

लेकिन वो अभी तक उड़ना नहीं सीखा है वो ज़मीन से कुछ ही ऊपर होता है ऐसा लगता है की कुछ ही सेकंड में उसका जीवन समाप्त हो जायेगा लेकिन अचानक एक पंजा उसे अपने गिरफ्त में लेता है और वापस आसमान में उड़ जाता है वो पंजा होता है उसकी माँ का जो उसके पीछे उड़ रही थी। उसकी ये ट्रेनिंग तब तक चलती रहती है जब तक वो उड़ना नहीं सिख जाता है।

इतनी हाई रिस्क ट्रेनिंग होने के बाद इस दुनिया को एक बाज़ मिलता है बारिश के वक्त जब सारे पक्षी आश्रिय की तलाश करते है तब यही बाज़ उसी बारिश में आसमान को चीरते हुए ऊपर निकल जाता है और बदल से कहता है तू बर्ष ले कितना बरशेगा और फिर नीचे आकर चैलेंज करता है।

एक बाज़ की उम्र लगभग 70 साल होती है जब वह 40 साल का होता है तब एक परेशानी उसकी ज़िंदगी में मौत बनकर आती है जो आपकी परेशानिओ की तुलना में बहुत बड़ी होती है क्योकि 40 साल की उम्र में बाज़ की चोंच इतनी मुड़ जाती है की उसे शिकार निगलने में बहुत परेशानी होती है, उसके पंख भारी हो जाते है, छाती से चिपकने लगते है जिससे उड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है, उसके पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है जिससे वो शिकार को सही से नहीं पकड़ पता।

अब उस बाज़ के पास सिर्फ 3 रास्ते होते है।

1. वो अपने शरीर त्याग सकता है।
2. गिद्ध की तरह छोड़े हुए भोजन पे निर्भर हो जाये। और
3. सबसे कठिन और पीड़ा दायक रास्ता अपने आपको पुनः इस्थापित का फिर से आसमान का सीना चीर कर उड़ने का और वो इसी तीसरे रास्ते को चुनता है और अपने पास के सबसे ऊँची छोटी पे पहुंच जाता है।

वहां पर अपना घोसला बनाता है और फिर सुरु होता है परेशानियो को जड़ से उखाड़ कर आसमान में उड़ने का सफर वह अपनी चोंच को एक चट्टान पर मार-मार कर तोड़ देता है लहू लुहान हो जाता है और इंतजार करता है नई चोंच के आने का।

उसके बाद अपनी नई चोंच से अपने पंजो को काट देता है और फिर इन्तजार करता है नए पंजो के उग आने का उसके बाद वह अपने एक-एक पंख को अपने शरीर से अलग करता है और फिर इन्तजार करता है नए पंख उग आने का और इस प्रक्रिया में उसे समय लगता है पुरे 5 महीने का।

इन पांच महीनो के कड़ी तपश्या से एक बाज़ का पुनः जन्म होता है वो फिर से तैयार हो जाता है आसमान का सीना चीर कर उड़ने के लिए जो तीन रास्ते बाज़ के पास थे वही तीन रास्ते आपके पास होते है लेकिन कुछ लोग पहले रास्ते को चुनते है और परेशानियो के तले दबकर सुसाइट कर लेते है।

ज्यादा तर लोग दूसरे रास्ते को चुनते है वो परेशानिओ का बोझ पड़ते ही अपने लक्ष्य को छोड़ कर एक Normal लाइफ ज़ीने लगते है। और कुछ वो लोग भी होते है जो इस परेशानिओ को लात मार कर अपनी मेनहत के दम पर बाज़ की तरह आसमान की बुलंदियों को छूते है।

दोस्तों बाज़ की यह ट्रेनिंग हमे बहुत बड़ी सिख देती है की अगर रिस्क लेना पड़े तो लो की अपने फिल्ड में अपने आप को इतना ट्रेंड कर लो की उस फिल्ड में आपसे ऊपर उड़ने के बारे में सोच कर लोगो के पसीने छूट जाये तभी आप अपने फिल्ड के बादशाह कहलाओगे।

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