तीन सवालों का जवाब | akbar birbal stories in hindi

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Akbar Birbal moral stories
Akbar Birbal

एक दिन बादशाह और उसके खोजे से आपस में कुछ बात हो रही थीं, इसी बीच बीरबल की बात आई। तब खोजे ने बीरबल की बड़ी दुनिन्द की। यह बादशाह का मुंह लगा खोजा था इसलिये खुलेआम उसकी अवहेलना करना उचित न समझ कर प्रमाणों द्वारा मुँहतोड़ उत्तर देना शुरू किया।

 

वह बोले-“तुम स्वयं विचार कर देखो कि मेरे दरबार में बीरबल सा हाजिर जवाब एक आदमी भी नहीं है।” खोजा बादशाह के मुख से बीरबल की प्रशंसा सुनकर मन ही-मन भड़क उठा और बोला-“हुजूर यदि आप बीरबल के हाजिर जवाब बताते हैं तो वह मेरे तीन सवालों का जवाब दे । यदि ठीक २ उत्तर दे देगा तो मैं भी उसे श्रेष्ठ मान लूंगा। बादशाह ने उससे सवाल पूछने को कहा । खोजा बोला-

 

“(1) आकाश में तारों की कितनी संख्या है

(2) दुनियाँ में स्त्री पुरुष अलग 2 कितने हैं।

(3) धरती अपना बीच कहाँ रखती है।”

 

बादशाह खोजे को अपने पास बैठाकर बीरबल को बुलवाने के लिये सिपाही भेजा। जब वह आया तो उससे खोजे के तीनों सवालों का उत्तर माँगा। बीरबल चुपके बाजार से एक बड़ा मेढ़ा खरीद लाया और उसे बादशाह के सामने खड़ा कर बोला-“खोजा साहब ! इसके पीठ के बालों की गणना कर लेवें।

 

इसके शरीर में जितने बाल हैं उतने ही आकाश में तारे भी हैं। फिर इधर उधर गोड़ से पड़ताल कर एक जगह जमीन में खूटी गाड़ कर बोला”पृथ्वीनाथ ! पृथ्वी का मध्य यही है, यदि खोजे को यकीन न हो तो स्वयं नाप ले, जब पहले और तीसरे सवालों के बाद दूसरे की बारी आई तो बीरबल हंसा पड़ा परन्तु अपना असली भाव छिपाकर उत्तर दिया-“गरीब परचर खी पुरुषों की संख्या तो इन खोजों के कारण बिगड़ गई है

 

क्योंकि ये न तो स्त्रियों की संख्या में आते हैं और न पुरुषों के ही। यदि सब खोजे जान से मरवा दिये जायें तो ठीकठीक गणना निकल सकती है।”

 

खोजे का मुंह छोटा हो गया। उसके मुंह से एक बात भी न निकली बादशाह ने बहुत कुछ उसे भला बुरा सुनाया। बेचारा लाज का मारा, दुम दबाकर जनानखाने में चला गया। बादशाह ने बीरबल को पारितोषिक देकर विदा किया।

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