एनाबेल डॉल की सच्ची कहानी (2023) | annabelle real story in hindi

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एनाबेल डॉल की कहानी (annabelle real story in hindi)

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी Horror story बताने जा रहा हूँ जो बहुत पुरानी होने के साथ साथ बहुत डरावनी भी है और यकीं मानिये यह कहानी पढ़कर आप हैरान हो जायेंगे हो सकता है अपने यह कहानी पहले से ही सुनी या पढ़ी हो इसलिए आप दूसरी कहानी भी पढ़ सकते हैं। यह कहानी है एक doll यानि गुड़िया की जिसका नाम है annabele doll (एनाबेल गुड़िया) तो आईये कहानी शुरू करते हैं।


यह कहानी शुरू होती है सन 1918 से इसी साल एक अमेरिकी राइटर जो बच्चो की कहानियां और कॉमिक्स लिखते थे उन्होंने सबसे पहले इस doll का जीकर अपनी किताब raggedy aan में किया था। इस किताब में उन्होंने अपनी साथ हुई एक सच्ची घटना के बारे में बताया था। वह लिखते हैं कि एक बार वह अपने घर के बैकयार्ड में टहल रहते थे तभी उनको वह doll पड़ी हुई मिली उन्होंने कभी भी पहले ऐसी doll को अपने घर के आस पास नहीं देखा था इसलिए उन्होंने अपने पड़ोसियों से पूछा कि कही ये doll उनकी तो नहीं लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा और doll को अपनी बेटी को दे दिया। वह doll को देखकर बहुत खुश थी वह उसके साथ हर रोज खेलने लगी।

खेलत खेलते उसको doll के साथ इतना लगाव हो गया कि वह doll को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ती थी। वह घर में अकेली बैठी उसके साथ ज्यादा समय बिताने लगी और बातें करने लगी उसके पिता को उसकी चिंता होती लेकिन वो बच्ची समझकर उसे नजरअंदाज कर देते। लेकिन जब वह तेरह साल की हुई तब वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गयी। इलाज के लिए उसे वैक्सीन दे गई लेकिन उसका उल्टा प्रभाव हो गया। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। लेकिन अजीब बात यह थी कि जिस तरह वह doll रहस्य्मयी तरीके से उनके घर में आयी थी ठीक उसी प्रकार वह गायब हो गयी। यह कहानी लोगो में बहुत प्रसिद्ध हो गयी। इसके बाद वह doll कईं सालों तक कहीं भी नजर नहीं आयी। धीरे धीरे लोग इसे भूल गए।

लेकिन 1970 में यह doll हॉबी स्टोर नाम की एक दुकान में नजर आयी। एक दिन किसी महिला को वह डॉल पसन्द आ गयी और उसने यह doll खरीद ली। उस महिला को यह बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि यह डॉल भूतिया है। लेकिन उसने यह doll अपनी बेटी डोना को उसके जन्मदिन पर देने के लिए खरीदा था। डोना उस समय नर्सिंग की पढाई का रही थी और हॉस्टल में अपनों दो सहेलियों के साथ रहती थी। वह इस gift से बहुत खुश थी।

इसके साथ साथ वह हैरान भी थी क्योंकि उसकी doll के साथ खेलने के उम्र भी बीत चुकी थी। लेकिन उसको यह तोफा बहुत पसंद आया। उसने doll को अपने कमरे में सजाकर रख दिया लेकिन उसकी दोनों सहेलियों को यह डॉल बिलकुल भी पसंद नहीं आयी थी। उनमे से एक सहेली जिसका नाम लू था इसको यह डॉल शुरू से ही अजीब लग रही थी और उसने डोना को यह डॉल अपने कमरे में रखने से मन भी किया था। लेकिन डोना ने उसकी बात नहीं मानी। इस doll के कमरे में आने के बाद अजीब हरकते होनी शुरू हो गयी। डोना ने यह नोटिस किया कि यह अपनी जगह बदल लेती थी। डोना ने यह कईं दिनों तक नोटिस किया और अपनी दोनों सहेलियों को इसके बारे में बताया।

डोना की सहेलियों ने उसे सलाह दी कि तुम इस doll को कमरे से निकाल दो क्योंकि यह एक श्रापित doll है। लेकिन डोना ने उनकी बात नहीं मानी क्योंकि वह बहुत प्रेत पर विश्वाश नहीं करती थी। समय बीतता गया और लगभग एक महीने के बाद उन्हें अपने कमरे में एक कागज का टुकड़ा मिला जिस पर बच्चे के लिखावट में ‘help me’ लिखा हुआ था। उन्हें ऐसे टुकड़े कई बार अपने कमरे से मिले। एक दिन जब तीनो सहेलियां अपने कमरे में पहुंची तो उन्हेने देखा कि doll छाती पर और कमर पर लाल रंग के निशान पड़ गए हैं लेकिन क्योंकि वह नर्सिंग कर रही थी तो उन्होंने इसका पता लगाने में ज्यादा समय नहीं लगाया की यह रंग नहीं खून है।

इस दौरान भी डोना की सहेलियों ने उसे बहार निकने को कहा लेकिन डोना ने उनकी बात नहीं मानी क्योंकि डोना को भी इस doll से अजीब तरह का लगाव हो गया था। एक दिन लू घर में अकेली थी और डोना अपनी दूसरी सहेली के साथ कहीं बहार गयी थी। तभी लू को डोना के चीखने की आवाज आयी। वह यह भूल गयी थी कि डोना तो घर में है ही नहीं और जब वह कमरे में गयी तो देखा कि उस कमरे में उस doll के आलावा कोई नहीं है इसके बाद कमरे से लू के चीखने की भी आवाज आयी इत्तेफाक से उस समय डोना और उसकी सहेली लोट कर आ चुकी थी उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो लू बेहोश पड़ी थी और शरीर पर गहरे चोट के निशान थे। डोना और उसकी सहेली ने लू को हॉस्पिटल एडमिट करवाया।

दो दिन बाद लू को होश आया और उसने बताया कि उसपर हमला उसकी doll ने किया था। यह बात सुनकर वह हैरान रह गयी। डोना तुरंत ही चर्च जा पहुंची और फादर को उस घटना के बारे में बता दिया। फादर ने उनकी बात सुनकर उनको अपने सीनियर फादर के पास भेज दिया उन्होंने कहा कि इस doll में बुरी आत्मा का साया है और यह बात उनके सँभालने योग्य नहीं है। इसलिए उन्होंने यह खबर पैरानॉर्मल एक्टिविटी एक्सपर्ट पति पत्नी को दे दी।

यह दोनों डोना के हॉस्टल पहुँच गए और doll के साथ एक हफ्ता बिताया। एक हफ्ता बिताने के बाद उन्होंने बताया कि इस doll के अंदर एक शक्तिशाली आत्मा का वास है और ये आत्मा doll से निकल कर इंसानी शरीर में जाना चाहती है इसने डोना का शरीर चुना है। उन्होंने बताया कि इस doll को डोना से जल्दी से जल्दी दूर करना होगा। यह सुनकर डोना बहुत घबरा गयी और doll को उनके साथ ले जाने के लिए हाँ कर दी।

यह पति पत्नी इस doll को अपनी कार में घर ले जाने लगे और रास्ते में कार ने काम करना बंद कर दिया जिससे कार दीवार में टकरा गयी खुशकिस्मती यह रही कि उनको ज्यादा चोट नहीं आयी। कार के बेकाबू होने के पीछे इस doll का ही हाथ था। पति पत्नी ने doll को तंत्र मन्त्र की शक्ति से अपने वश में कर लिया और एक शिशेदार बॉक्स में बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने इस बॉक्स को अपने ही एक ‘accult museum’ में रख दिया। आज भी आप इसे इसी museum में देख सकते है और साफ साफ बॉक्स पर एक वार्निंग भी लिखी हुई है कि बॉक्स को दूर से ही देखे और हाथ न लगाएं।

उम्मीद है आपको एनाबेल डॉल की कहानी पसंद आई होगी। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो बेझिजक कमेंट करें।

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