एक छोटे से गांव में एक प्यारा सा कुत्ता रहा करता था। वह देखने में तो बहुत सूंदर दिखता था लेकिन कोई भी उसे पसंद नहीं करता था। क्योंकि वह सबसे अलग रहना और खाना पसंद करता था। वह हमेशा ज्यादा खाने की तलाश में रहता था। उसको चाहे जितना भी खाना मिले पर उसके लिए वह कम ही होता था। यानि उसे संतुष्टि प्राप्त नहीं होती थी। इतना ही नहीं अगर उसे कोई दूसरा कुत्ता खाना लिए हुए आसपास दिखाई देता था तो वह उसे डरा कर उससे खाना छीन लेता था। एक दिन वह खाने की तलाश में निकला।
बहुत तलाश करने पर उसे एक मरे हुए जिव की हड्डी मिल गयी। लेकिन हमेशा की तरह उसे लग रहा था कि यह उसके लिए कम है। वह निराश होकर हड्डी मुहं में लेकर आगे की तरफ चल पड़ा। रास्ते में चलते हुए वह इस बात पर भी गौर कर रहा था कि उसे और खाना चाहिए। थोड़ी ही दूर रास्ते में आगे चलने पर उसे एक कुआ दिखाई दिया। उसने सोचा की कुए से पानी पीकर आगे बढ़ना चाहिए।
इसी सोच के साथ वह कुए में झांककर देखने लगा की पानी कितना है। कुए का पानी इतना साफ था कि कुत्ते को अपनी ही तस्वीर कुए में दिख रही थी कुत्ते ने सोचा कि कोई दूसरा कुत्ता मुँह में हड्डी लिए कुए के अंदर है। हमेशा की तरह उसके मन में ख्याल आया कि क्यों न इस कुत्ते को डराया जाये जिससे वह डर कर हड्डी छोड़कर भाग जाये। कुत्ता कुए में पड़ रही अपनी ही तस्वीर पर भोंक पड़ा जिससे मुंह में ली हुई उसकी हड्डी कुए में जा गिरी। कुए में गिरी हुई हड्डी के कारण पानी से उसकी तस्वीर मिट गई। अब कुत्ते को एहसास हुआ कि लालच के कारण उसे मिला था उसने वह भी खो दिया।
शिक्षा
इस कहानी से यह शिक्षा प्राप्त होती है कि लालच करने वाला हमेशा हानि को प्राप्त करता है।