ये है असल जिंदगी के मोगली की दिलचस्प कहानी ।

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जंगल बुक का मोगली, जो बहुत ही प्रसिद्ध और रोचक करेक्टर है, इसके पीछे बहुत ही दिलचस्प कहानी छुपी हुई है। शायद आप में से बहुत से लोग मोगली को लेखक की सिर्फ कल्पना मात्र मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। नाटकों, फिल्मों और कार्टून्स में मोगली माना जाने वाला बच्चा लेखक की कल्पना मात्र नहीं है। यह भारत में घटित हुई घटना पर आधारित है। इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं।

पहले लेखक द्वारा लिखी गयी कहानी को जानते हैं। जो इस प्रकार है। एक छोटा सा बच्चा खेलता हुआ एक जंगल में पहुँच जाता है और गुम हो जाता है। उस बच्चे को भेड़ियों का एक समूह देख लेता है जो उसे पालने का निर्णय लेते हैं। उस समूह का सरदार अकेला नाम का एक भेड़िया होता है। भेड़ियों का समूह उस बच्चे का नाम मोगली रखते हैं। शेरखान नाम के शेर को जब यह खबर पता चलती है कि भेड़ियों का समूह एक इंसान के बच्चे को पाल रहे हैं तो वह खुश हो जाता है कि मैं उस इंसान के बच्चे खाऊंगा।

मौका देख कर शेर खान मोगली पर हमला करता है लेकिन बलू नाम का एक भालू और बघीरा नाम का तेंदुआ उसे बचा लेते हैं। लेकिन शेरखान हर समय मोके की तलाश में रहता है। बलु, बघीरा और का नाम का अजगर मोगली को जंगल में रहना सिखाते हैं। शेरखान मोगली को पसंद न करने वाले भेड़ियों का एक समूह बनाता है। ताकि मोगली को आसानी से खा सके। बघीरा मोगली को कहता है कि वह गांव से लाल फल ले आये यानि आग ले आये। मोगली गांव से आग जलाने के तरीके को सिख कर आता है।

मोगली आग से शेरखान का मुकाबला करता है और उसे जख्मी कर भगा देता है। कुछ समय बाद मोगली को बन्दर अगवा कर लेते हैं और अपने मुख्या को सौंप देते है। बंदरो का मुख्या मोगली से आग बनाने का तरीका जानना चाहता है लेकिन मोगली उसे नहीं बताता। तभी सभी बंदर गुस्सा हो जाते हैं और मोगली को मारने लगते हैं। लेकिन किसी न किसी तरह मोगली वहां से बच कर भाग जाता है। मोगली अब गांव जाने का फैसला करता है। गांव में एक पति पत्नी मोगली को अपना बच्चा समझने लगते हैं जिसे एक शेर उठा कर ले गया था। मोगली गांव में रहने के तरीके सीखता है। वह गांव में जानवरो को चराता है।

एक दिन मोगली को जानवर चराते चराते अपना एक भेड़िया भाई मिल जाता है। वह बताता है कि शेरखान वापिस आ गया है। मोगली शेरखान को मारने की योजना बनाता है। मोगली भेड़ियों के साथ मिलकर शेरखान को अपने जाल में फंसा लेता है और मोगली शेरखान को सुखी नदी के बिच में फंसा कर जानवरों की भगदड़ में मार देता है।


यह वह कहानी है जो हम सभी ने किसी न किसी रूप में जरूर देखी है लेकिन असल कहानी भी बहुत ही दिलचस्प है। आईये जानते हैं मोगली की असली कहानी

असली मोगली की कहानी

सन 1867 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जब कुछ शिकारियों का समूह जंगल में शिकार करने गया हुआ था। तभी उन्हें एक हैरान करने वाला दृश्य दिखाई दिया। उन्होंने देखा कि कुछ भेड़ियों के झुण्ड के बिच में 4-5 साल का एक बच्चा बैठा है। इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि वो भेड़िये उस बच्चे को हानि नहीं पहुंचा रहे थे। शिकारियों के समूह ने उस बच्चे को भेड़ियों के समूह से अलग करने का फैसला किया।

शिकारियों ने भेड़ियों पर हमला कर दिया इस हमले में समूह में से एक भेड़िये की जान भी चली गयी। लेकिन शिकारियों ने उस बच्चे को जांगले से बहार निकाल लिया और आगरा के सिकंदरा ऑफेन्स में दे दिया। ताकि उसकी अच्छे से परवरिश हो सके। उस बच्चे को नाम दिया गया ‘दीना सनीचर’। यह बच्चा अपनी उम्र के बच्चों से बहुत ही अलग था साथ ही इसका व्यवाहर जानवरों जैसा था। वह कोई भाषा नहीं जानता था। बल्कि जानवरों के जैसे आवाजें निकाल कर अपनी बात समझाने की कोशिश करता था।

वह चार पैरों वाले जानवर की तरह ही चलता था। खाने के लिए वह अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं करता था बल्कि जानवरों की तरह ही निचे गिरे हुए खाने को जानवरों की तरह मुहं से ही खाता था। साथ ही पानी को भी वह चाट-चाट कर पिया करता था। दीना का पूरा बर्ताव किसी जानवर की तरह ही था। ऑफेन्स वालों ने उसे पका हुआ खाना खिलाना तो सीखा दिया लेकिन वह उसे कभी भी बोलना नहीं सीखा पाए। 12-15 साल की उम्र तक आते-आते दीना कपडे पहनना और पैरों पर चलना सिख गया।

दीना को किसी भी इंसान से लगाव नहीं था लेकिन ऑफेन्स के एक कुत्ते के साथ उसकी बहुत अच्छी मित्रता थी। लेकिन दीना में इंसानो की एक खतरनाक लत लग चुकी थी वह थी सिगरेट पीना। इसी कारन दीना ने छोटा जीवन जिया। दीना की 35 साल की उम्र में मृत्यु हो गयी। लेकिन सवाल यह है कि जानवर यदि किसी इंसान के बच्चे को इतने प्यार से पाल सकते हैं तो इंसान जानवरों के साथ इतना निर्दय व्यवाहर क्यों करते हैं।

अपने फायदे के लिए उन्हें मारते हैं और हानि पहुंचते हैं। दीना से प्रेरित होकर रुडयार्ड किपलिंग ने यह कहानी लिखी। दीना से प्रेरित होकर रुडयार्ड किपलिंग ने यह कहानी लिखी। जिसे आज पूरी दुनिया में जाना जाता है।

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