शेख आखिर शेखचिल्ली बन ही गया। मदरसे में जाने पर उसे मालूम हआ कि वह चार साल का है।
एक दिन एक भद्र महिला शेखचिल्ली की दुकान में कुछ खरीदने के लिए आई।
शेखचिल्ली का बचपन अजीबोगरीब वाकयात से भरा था। शेखचिल्ली के प्रारम्भिक जीवन