आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातें कहीं है जो थोड़ी अटपटी हैं लेकिन ये जीवन में जरूर अपनानी चाहिए।
- आचार्य
“मनुष्य को दान उतना ही करना चाहिए, जीतनी उसमे शक्ति हो, शक्ति से अधिक दान देने से हानि होती है।”
- आचार्य
“लालची को धन देकर, अभिमानी को जोड़कर, मुर्ख को उसकी इच्छानुसार काम करके और विद्वान को सच्ची बात बता कर वश में करना चाहिए।”
- आचार्य
“शत्रु को अपनी दुर्बलताओं का परिचय नहीं देना चाहिए। ऐसा प्रयास करना चाहिए कि अपनी दुर्बलताएँ शत्रु के सामने प्रकट न हो।”
- आचार्य
“दुष्ट व्यक्ति से किसी प्रकार की भलाई की आशा नहीं रखनी चाहिए।”
- आचार्य
“अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गाये, कुंवारी कन्या, बूढ़ा आदमी और छोटे बच्चे इन सबको कभी भी पैर से नहीं छूना चाहिए।”
- आचार्य
“अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के स्थान पर क्षमा का प्रदर्शन करना अत्यधिक प्रशंसनीय कार्य है।”
- आचार्य
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