पंचतंत्र क्या है ? (Panchatantra Stories In Hindi pdf )
आपने कभी न कभी तो ऐसी कहानियां तो सुनी ही होंगी जिनमे शिक्षा दी जाती है वह कहानियां हमें बुद्धिमान बनाने का काम करती है उन्हें पंचतंत्र की कहानिया कहा जाता है पचतंत्र एक किताब है जो मुर्ख से मुर्ख व्यक्ति को पशु पक्षियों की कहानियों के माध्यम से बुद्धिमान बना देती है। इसका इतिहास कुछ इस प्रकार है।
एक समय था जब महिलारोप्य नाम का एक नगर हुआ करता था उस नगर का राजा जिसका नाम अमरशक्ति था बहुत महान था। लेकिन उनके तीन पुत्र थे जिनका नाम बहुशक्ति, उग्रशक्ति, अनेकशक्ति था राजा उनसे बहुत परेशान था क्योंकि वह बहुत मुर्ख थे। एक दिन राजा ने परेशांन होकर और उन्हें पढाई लिखाई से विमुख देख एक सभा बुलाई और अपने मंत्रियों से कहा-
“आप लोग जानते हैं कि मेरे तीन पुत्र बुद्धि हीन हैं उनमे से कोई भी मेरे बाद राजपाठ सँभालने योग्य नहीं है। इसलिए कोई ऐसा उपाए कीजिये जिससे इनकी बुद्धि का विकास किया जा सके”।
तभी एक पंडित बोले-
“महाराज सिर्फ़ व्याकरण का अध्ययन करने में ही बारह वर्ष का समय लग जायेगा और उसे बाद शास्त्र आदि का ज्ञान दिया जाता है जिससे बुद्धि का विकास होता है”।
इसपर एक मंत्री बोलता है –
“महाराज यह जीवन नाशवान है इसलिए हमें किसी छोटे और बुद्धि का विकास करने वाले शास्त्र के बारे विचार करना चाहिए।
राजा कहता है –
“क्या यह संभव है कि बहुत कम समय में ही सभी शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त हो सके। क्या तुम किसी ऐसे विद्वान को जानते हो।
मंत्री ने कहा –
हाँ मैं ऐसे विद्वान को जनता हूँ जो बहुत ही कम समय में आपके पुत्रो को बुद्धिमान बना सकता है उनका नाम पंडित विष्णु शर्मा है।
राजा के कहने पर अगले दिन विष्णु शर्मा को राजा के सामने पेश किया जाता है। राजा ने विष्णुशर्मा को अपनी दुविधा सुनाई।
इसपर विष्णुशर्मा ने कहा-
“राजन मैं आपके पुत्रों को केवल छः महीने में ही बुद्धिमान और शास्त्रों के ज्ञाता बना दूंगा”।
राजा यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और कहा –
“अगर आप ऐसा कर सकते हो तो मैं आपको 50 गांव इनाम के तौर पर दूंगा”।
वीष्णुशर्मा ने कहा –
राजा मुझे कुछ नहीं चाहिए बल्कि अगर मैं ऐसा नहीं कर पाया तो अपना नाम बदल दूंगा। इस तरह विष्णुशर्मा ने उनके तीनो पुत्रों को मात्र छः महीने में ही शास्त्रों के ज्ञाता और बुद्धिमान बनाया।
विष्णु शर्मा ने सभी शास्त्रों के अध्ययन को पांच भागों में बाँट दिया था जो बहुत छोटे थे। इस लिए इसे पंचतंत्र कहा गया है।
ये पांच भाग हैं –
- मित्रभेद (मित्रों में मनमुटाव एवं अलगाव )
- मित्रसम्प्राप्ति (मित्र प्राप्ति एवं उसके लाभ)
- काकुलुकीय (कौवे एवं उल्लुओं की कथा)
- ळब्दप्रनाश (मृत्यु या विनाश के आने पर)
- अपरीक्षितकारक (हड़बड़ी में क़दम न उठायें)
पंचतंत्र में शास्त्रों को बहुत ही सरल भाषा और पशु पक्षियों की कहानी के माध्यम से बताया गया है। यह बच्चों से लेकर बड़ों सभी की बुद्धि के विकास के लिए बहुत उपयोगी है सभी पंचतंत्र की कहानियां निचे से download सकते हैं।
ऑनलाइन पढ़े : पंचतंत्र की कहानियां
pdf by | hindisuccessstories.in |
no. of page | 72 |
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no. of stories | 47 |
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