लैला ~ premchand ki kahani

लैला यह कोई न जानता था कि लैला कौन है, कहां है, कहां से आयी है और क्या करती है। …

Read more

दण्ड ~ premchand ki kahani

दण्ड संध्या का समय था। कचहरी उठ गयी थी। अहलकार चपरासी जेबें खनखनाते घर जा रहे थे। मेहतर कूड़े टटोल …

Read more

मंदिर और मस्जिद ~ premchand ki kahani

मंदिर और मस्जिद चौधरी इतरतअली ‘कड़े के बड़े जागीरदार थे। उनके बुजुर्गों ने शाही जमाने में अंग्रेजी सरकार की बड़ी-बड़ी …

Read more

स्वांग ~ premchand ki kahani

स्वांग राजपूत खानदान में पैदा हो जाने ही से कोई सूरमा नहीं हो जाता और न नाम के पीछे ‘सिंह …

Read more

गुल्ली-डंडा ~ premchand ki kahani

गुल्ली-डंडा  हमारे अंग्रेजी दोस्त माने या न मानें मैं तो यही कहँगा कि गुल्ली-डंडा एसब खेलों का राजा है। अब …

Read more

झाँकी ~ premchand ki kahani

झाँकी कई दिन से घर में कलह मचा हुआ था। माँ अलग मुँह फुलाए बैठी थी , स्त्री अलग। घर …

Read more

Shares