एक दिन बादशाह बीरबल को झिपाने की नीयत से उसके जूते गुम करा दिये । जब घर जाने का समय हुआ तो बीरबल अपने जूतों को तलाश करने लगा। जब वे न मिले तो बादशाहने कहा-‘अच्छी बात है; बीरबलको हमारी तरफ से जूते दिये जायँ ।” बीरबल नये जूतों का पहन कर ऊपरी प्रसन्नता दिखलाते हुए बोला-“मैं आपको आशीर्वाद देता हूँ कि ईश्वर इसके पहले आपको हरलोक परलाक सभी जगह ऐसे ही हजार जूते दे।
” बीरबल के ऐसे हास्यपूर्ण आशीर्वाद को सुनकर वादशाह खिलखिला कर हँस पड़ा। दरबारी लोग चकित हाकर वीरयल का मुंह देखते रह गये।
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