गधे और धोबी की कहानी (Panchtantra Ki Kahaniyan In Hindi)

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एक  नगर में शुद्धपट नाम का एक धोबी रहा करता था। उसके पास एक गधा भी था जिसके ऊपर वह बोझा ढोता था। लेकिन उसे चारा न मिल पाने के कारण से गधा बहुत कमजोर और दुबला हो गया। उससे अब बोझ भी नहीं ढोया जाता। धोभी को एक दिन जंगल में जाते हुए मरा हुआ शेर मिला था जिसकी खाल उसने उतार कर अपने पास रख ली। 

धोबी ने सोचा कि शेर की खाल मैं अपने गधे को पहना कर रात में खेतों में छोड़ दूंगा और पहरेदार इसे शेर समझकर डर के मारे कुछ नहीं कहेंगे। धोभी की यह चाल चल गई। धोभी गधे को शेर की खाल पहनता और खेतों में छोड़ देता। गधा घास चर-चर के बहुत तगड़ा हो गया पर गांव के लोग उससे बहुत परेशां थे कि गधे ने उनकी सारी फसलें बरबाद कर दी। 

एक दिन जब धोबी ने उसे खेतों में शेर की खाल पहनाकर छोड़ दिया। जब गधा खेतों में घास चर रहा था तब पास ही के गांव से गधे की आवाजें आयी। गधा अपने आप को रोक न पाया और गधे ने जोर से आवाज निकली। पहरेदार समझ चुके थे कि यह शेर की खाल पहने गधा है। पहरेदारों ने गधे को इतना मारा कि वह बिचारा मर ही गया। 

शिक्षा 

जो भी अपने अच्छे खास काम के चलते फालतू की बात करता करता है वह शेर की खाल पहने और भयंकर नजर आते गधे की तरह मारा जाता है। 

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