Akbar Birbal |
बदशाह अकबर ने दरबार में आते ही सवाल कर दिया, “सबसे श्रेष्ठ और उत्तम हथियार कौन-सा है?” एक दरबारी उठकर बोला, “जहांपनाह , भाला…. भाला उत्तम हथियार है।” दूसरा दरबारी बोला, “नहीं हुजूर, तलवार।” तीसरा दरबारी बोला, “नहीं जहांपनाह तीर-कमान।”
बादशाह को दरबारियों के जवाब से संतुष्टि नहीं मिली तो उन्होंने बीरबल की ओर देखा और कहा, “तुम्हारा क्या जवाब है, बीरबल?’
बीरबल सोचते हुए बोले, “हुजूर, मेरे विचार से उत्तम हथियार वही है, जो समय पर काम आए और अपनी श्रेष्ठता साबित कर दे।’ बादशाह अकबर असंतुष्ट होते हुए बोले, “यह कोई जवाब नहीं हुआ बीरबल।” बीरबल बोले, “जहांपनाह , मैं अपनी बात को सिद्ध करके दिखा दूंगा।”
अगली सुबह बीरबल अकबर बादशाह के साथ सैर के लिए निकले। बीरबल ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए पहले से ही योजना बना ली थी। घूमते-घूमते वे दोनों एक सड़क पर में आ गए। इतने में गली में अचानक एक क्रोधित हाथी तेज गति से आता हुआ दिखाई दिया। बीरबल घबराई हुई आवाज में बोले, “हुजूर! हाथी तो सनकी लगता है। देख नहीं रहे कैसे पैर पटकता हआ आ रहा है।”
अकबर और बीरबल को भागने का मौका मिल गया। वे भागते हुए एक गली में आ गए। बीरबल बादशाह अकबर को माथे का पसीना पोंछते हुए देखकर बोले, “अब क्या कहते हैं, हुजूर, मैंने कोई गलत तो नहीं कहा था कि जो मौके पर काम आए, वही श्रेष्ठ हथियार होता है?”
अकबर बादशाह बोले, “हां बीरबल, कुत्ते का पिल्ला हथियार की गिनती में थोड़े ही आता है। लेकिन उसने ही हमारा बचाव उस मदांघ हाथी से किया। मौके पर वह न आता तो आज हम जिंदा न होते। तुम्हारा कहना सही था कि श्रेष्ठ हथियार वही है, जो मौके पर काम आए।”
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