एक बार रात के समय अकबर अपनी सभा खत्म करके अपने कमरे में सोने के लिए जा रहे थे। वह सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट जाते हैं और सो जाते हैं।
रात में उन्हें अपने कमरे में कुछ आवाजें सुनती हैं अकबर अपने बिस्तर से उठ जाते हैं। उन्हें लगता है कि शायद कोई बिल्ली कमरे में घुस गई है। इसलिए वह दोबारा सो जाते हैं।
सोने के कुछ समय बाद उन्हें फिर से आवाजें सुनाई दी और वे उठ कर अपने कमरे में झाँकने लगे जब वह अपने कमरे में उस जगह गए जहाँ पर वह सोना चाँदी रखते थे तब उन्हें वहां एक चुड़ैल दिखाई दी।
अकबर डर के मारे बेहोश हो गए। जब उन्हें होश आया तब सुबह हो चुकी थी अकबर ने सभी को दरबार में बुलाया और बीरबल से कहा –
“बीरबल हमने रात अपने कमरे में एक चुड़ैल देखी” ?
बीरबल ने पूछा-
“महाराज अपने किस जगह चुड़ैल देखी”
अकबर ने जवाब दिया-
“मैंने अपने कमरे में उस जगह चुड़ैल देखी जहाँ मैं अपना धन रखता हूँ”
बीरबल बहुत ही होशियार थे बीरबल ने खतरा भांप लिया था। बीरबल उसी स्थान पर गया जहाँ अकबर ने चुड़ैल को देखा था। जब बीरबल ने उस स्थान का जायजा किया तब पता चला कि वहां रखे धन में से कुछ धन गायब है। बीरबल को अब पता चल गया था कि मामला चोरी का है बीरबल ने यह बात किसी को नहीं बताई और अकबर से कहा-
“महाराज अगर यहाँ चुड़ैल थी तो हम उसको तांत्रिक की मदद से पकड़ लेंगे”
बीरबल की सलाह से अकबर ने तांत्रिक को बुलाया तांत्रिक अपना काम करके चला गया। लेकिन सबसे मजेदार बात यह है कि बीरबल जानता था कि यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है। सिर्फ कोई चोरी करने के लिए कोई चुड़ैल बन रहा है। बीरबल उस चोर को रंगे हाथ पकड़ना चाहते थे। इसलिए बीरबल ने अकबर से कहा –
“महाराज आप निश्चिंत होकर सो जाइये अब यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है”
बीरबल जानते थे कि चोर के पास धन खत्म होने पर वह एक दिन यहाँ जरूर चोरी करने के लिए आएगा। कुछ दिन बाद ऐसा ही हुआ चोर दोबारा से चुड़ैल का रूप बनाकर अकबर के कमरे में घुस गया।
बीरबल ने बिना किसी को बताये एक षड्यंत्र रचा बीरबल भी चुड़ैल का रूप बना कर उसी कमरे में बैठ गए जहाँ धन रखा जाता था कुछ देर बाद वहां चोर आ जाता है और चोरी करने के लिए सोने की मोहरे उठाने लगता हैं।
तभी बीरबल चुड़ैल का रूप बनाये उसके ऊपर झलांग लगा देते हैं चोर बहुत डर जाता है। चोर जिसने चुड़ैल का रूप बनाया था वह जोर जोर से चिल्लाने लगता है।
जिससे बीरबल का सन्देह सच्चाई में बदल जाता है कि यह कोई चुड़ैल नहीं सिर्फ एक चोर है। बीरबल सोचता है कि अगर सचमुच की चुड़ैल होती तो मुझसे क्यों डरती और चोरी क्यों करती क्योंकि चुड़ैलों को धन की क्या जरुरत है।
इस तरह बीरबल चोर को बहुत डराते हैं और जोर जोर से चिलाते हैं –
“चोर…. चोर…. चोर….. चोर…… “
चिलाते हुए वह अपना चुड़ैल का रूप उतार देते हैं। बीरबल के चिलाते ही सभी नींद से जाग कर धन वाले कमरे जाते हैं और देखते हैं कि बीरबल ने चुड़ैल रूपी चोर को दबोच रखा है
सभी डर जाते हैं और सोचते हैं कि बीरबल ने चुड़ैल को पकड़ रखा है तभी बीरबल कहते हैं महाराज यह कोई चुड़ैल नहीं है यह चोर है सभी बीरबल की चतुराई समझ जाते हैं और चोर को रंगे हाथ पकड़ लेते हैं। बीरबल की इस चतुराई से अकबर उन्हें इनाम से नवाजते हैं।