बीरबल |
बादशाह अकबर को मुगल सम्राटों में सबसे अच्छा समझा जाता है। अकबर भी यह समझते थे कि उनकी प्रजा उन्हें बहुत चाहती है और वह बहुत कर्त्तव्यनिष्ठ हैं। एक दिन उन्होंने यही बात बीरबल के सामने रखी, “बीरबल! हम यह जानना चाहते हैं कि हमारे राज्य में प्रजा कितनी ईमानदार है और हमें कितना प्यार करती है?” ।
बीरबल ने तुरंत उत्तर दिया, “हुजूर! आपके राज्य में कोई भी पूरी तरह ईमानदार नहीं है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रजा आपको कितना प्यार करती है।”
बादशाह अकबर बोले, “यह तुम क्या कह रहे हो, बीरबल?” “मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूं,जहांपनाह!” “ठीक है, तुम हमें साबित करके दिखाओ।”
तब बीरबल ने नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि बादशाह सलामत एक भोज करने जा रहे हैं। इसके लिए सारी प्रजा से अनुरोध है कि कल दिन निकलने से पहले हर आदमी एक-एक लोटा दूध पहुंचा दे। कड़ाहे रखवा दिए गए हैं। उनमें हर आदमी एक लौटा दूध डाल जाए।
ढिंढोरा सुनकर हर आदमी ने यही सोचा कि जहां इतना दूध इकट्ठा होगा, वहां उसके द्वारा एक लोटे पानी का क्या पता चलेगा? अतः हर आदमी कड़ाहों में पानी डालता गया। सुबह जब बादशाह अकबर ने उन कड़ाहों को देखा जिनमें प्रजा से दूध डालने को कहा गया था तो दंग रह गए। उन कड़ाहों में केवल पानी ही पानी था।
इस घटना के बाद बादशाह अकबर को यह मानना पड़ा कि बीरबल प्रजा की नब्ज को अच्छे से पहचानते हैं।
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