information about Christmas in Hindi
Christmas |
क्रिसमस ईसाइयों का पवित्र पर्व है। यह त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसम्बर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिस्मस का सम्बन्ध क्राइस्ट से है। क्राइस्ट वह व्यक्तित्व था जिसके नाम पर क्रिश्चियन धर्म प्रचलित है।
भारतीय भाषा में इस महान् पुरुष को प्रभु मसीह और अरबी भाषा में ईसा कहा जाता है। प्रभु मसीह के अनुयायी मसीही अथवा ‘क्रिश्चयन कहलाते हैं।
(मसीह का जन्म )
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प्रभ मसीह का जन्म आज से लगभग दो हजार वर्ष पहले फिलिस्तीन देश में हुआ।जिसके कुछ भाग को अब इजराइल कहा जाता है। प्रभु मसीह जन्म से यहूदी थे। उनके माता पिता का वंश यहूदियों के महान् राजा दाऊद (डेविड) से सम्बन्ध रखता था।
(जन्म के समय की अद्भुत घटना)
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मसीहियों की धार्मिक पुस्तक में ऐसी बहुत-सी कथाएं संकलित हैं जिनमें से कुछ प्रभु मसीह के जन्म से पहले और उनके जन्म के बाद की लिखी हुई हैं। बाईबल में लिखा है कि प्रभु मसीह के जन्म के समय में एक अद्भुत तारा उदित हुआ था जिसको देखकर पूर्व के देशों के ज्योतिषी फिलिस्तीन पहुंचे थे।
(यीशु मसीह के माता पिता का नाम)
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यीशु मसीह की माता का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ़ था। मसीह का जन्म यहूदि प्रदेश के बैतलहम गांव की गऊशाला में हुआ था।
(मसीह के अवतरित होने का कारण)
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मसीह के अवतरित होने के सम्बन्ध में यह मत प्रचलित है कि परमेश्वर ने जब देखा कि मनुष्य पापी हो गया है तो उसको एकदम नरक में नहीं डाला। परमात्मा मनुष्यों से प्यार करता है, इसलिए उसने स्वर्ग से यीशु मसीह को भेजा।
(मसीह की शिक्षा )
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मसीह ने संसार से प्रेम किया। उसने सब धर्मों के लोगों और भाषाओं का सम्मान किया। उसने सभी लोगों से प्रेम किया तथा उन्हें प्रेम करना सिखाया। मसीह ने लोगों को उपदेश दिया कि ईश्वर उन सभी अधर्मियों को क्षमा करता है जो ईश्वर की सच्चे दिल से प्रार्थना करके अच्छा रास्ता अपनाते हैं।
उन्होंने कहा कि घृणा अधर्म से होनी चाहिए न कि अधर्मी से। अगर हम उन लोगों को क्षमा करते हैं जिन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया है तो ईश्वर हमारे पापों को क्षमा कर देता है।
(मसीह की शक्तियां)
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यह कहा जाता है कि मसीह में अद्भुत और दिव्य स्पर्श शक्ति विद्यमान थी। उन्होंने अनेक चमत्कार कर दिखलाए। यहाँ तक कि अनेक अंधे, लंगडे, लूले, विक्षिप्त और कमजोर लोगों काअपने स्पर्श से स्वस्थ करके समाज का उपयोगी अंग बना दिया।
(क्रिसमस मनाने का कारण)
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यहूदी लोगों ने उनके उपदेशों को मानने से इन्कार कर दिया और रोमन शासकों से मिलकर उन्हें निर्मम प्राण दण्ड दिलाया। प्रभु मसीह ने ‘क्रूस’ पर से ही अपने शत्रुओं के लिए प्राथना की और कहा –
हें ईश्वर। इनको क्षमा करना। ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।
कहते उनकी मृत्यु के तीन दिन के बाद ही उनमें पुनः प्राणों का संचार हो गया था। तत्पश्चात् पिण्ड एक दिव्य शरीर में परिणत हो गया।
(क्रिसमस कैसे मनाया जाता है)
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प्रभु मसीह के शुभ कर्मों को स्मरण रखने के लिए क्रिस्मस पर्व मनाया जाता है क्रिस्मस के आठ-दस दिन पहले से लोग घरों, दुकानों, कारख़ानों स्कूलों और गिरजाघरों की सफाई करना शरू कर देते हैं।
घरों और बाल चित्र दीवारों पर लगाए जाते हैं। दिवस मनाया जाता है। इसे में ‘क्रिसमस ट्री’ बनाते हैं। उसले उस पर दीपकों तथा मोसनम फादर’ की उत्सुकता से प्रतीक्षा देता है। गिरजाघरों में सामान में और बाजारों को नई दुल्हन की तरह सजाया संवारा जाता है।
क्रिसमस वाले दिन लोग घरों के आँगन ‘क्रिसमस ट्री‘ बनाते हैं। उसके ऊपर खिलौने, फल-फूल और गुब्बारे आदि लटकाते हैं।
रात को तथा मोमबत्तियों का प्रकाश किया जाता है। क्रिसमस की रात को बच्चे ‘क्रिसमस फादर’ की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं। वह बच्चों को अनेक प्रकार के उपहार और मिठाइयां आदि देता है। गिरजाघरों में सामूहिक प्रार्थनाएं और आनन्द-गान गाए जाते हैं।
इन आनन्द-गानों में उन कथात्मक घटनाओं को याद कराया जाता है जो प्रभु मसीह के जन्म पर घटी थीं। क्रिसमस भी दीवाली की तरह मसीहियों का एक बड़ा दिन माना जाता है। इस अवसर पर बधाई कार्ड मित्रों तथा सम्बन्धियों आदि को भेजे जाते हैं।
आपस में एक दूसरे को मिठाइयों के डिब्बे लिए और दिए जाते हैं। यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि भारत में बहुत से हिन्दु, मसलमान सिख भी इस उत्सव में मसीहियों के साथ शामिल होते हैं और अपने इसाई भाईयों को क्रिसमस के पावन अवसर पर मंगल कामनाएं देते हैं।
(क्रिसमस कितने दिन मनाया जाता है)
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प्रभ मसीह के जाते हैं। 24 दिसम्बर की रात से 1 जनवरी तक पूरा सप्ताह मसीह का जन्म दिवस मनाया जाता है। इसे ‘क्रिसमस सप्ताह’ भी कहते हैं।
क्रिसमस जैसे अपने जातीय तथा राष्ट्रीय त्योहारों के प्रति हमें आदर की भावना रखनी चाहिए।