जल प्रदूषण भारत में व्याप्त सबसे बड़े संकटों में से एक है। इसका सबसे बड़ा स्रोत है, बिना ट्रीटमेंट किया सीवेज का पानी। यह साफ दिखता है। इसे देखने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। प्रदूषण के कई अन्य स्त्रोत भी हैं। जैसे- खेतों से आता पानी, छोटे और अनियंत्रित उद्योगों से आने वाला पानी। हालात इतने गंभीर हैं कि भारत में कोई भी ऐसा जल स्रोत नहीं बचा है, जो जरा भी प्रदूषित न हो। हकीकत तो यह है कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा जल स्त्रोत बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं। इनमें भी वह जल स्त्रोत ज्यादा प्रदूषित हैं, जिनके आसपास बड़ी संख्या में आबादी रहती है। गंगा और यमुना भारत की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है।
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पानी बचाओ
जीवन बचाओ

जल ही जीवन है

जल बचाने का करो जतन
यही है सर्वोच्च रत्न

पानी बिना बचा है कौन
गवाओ न इसे यह बड़ा अनमोल

जल हर जिव के लिए है जरूरी
इसे बचाने की कोशिश करो पूरी

आओ मिलकर कदम उठाओ
पानी बचाओ पानी बचाओ

मत करो पानी बर्बाद
नहीं तो होंगे बुरे हालत

जल बिना सब मृत है
क्योंकि पानी ही अमृत है

आओ मिलकर जोर लगाओ
पानी की एक-एक बून्द बचाओ

जल का समझो सही अर्थ
इसे न करो कभी व्यर्थ

आयो मिलकर प्रयास करें हम
जल प्रदुषण को करें कम

जल बचाओ प्रयास रखें जारी
सभी की यह जिम्मेदारी

जल बचाने का करो निश्चय
महत्वपूर्ण है यह विषय

स्वच्छ जल हो रहा कम
इसे बचाने का प्रयत्न करें हम

जल प्रदूषण को हटाना है
भारत को श्रेष्ठ बनाना है

जल बिना कोई रह नहीं पाता
क्योंकि जल ही है जीवन दाता

जल को बचाएंगे
तभी खुशहाली पाएंगे

वर्षा के जल को उपयोग में लाओ
उचित बुद्धि का प्रमाण दिखाओ

पानी की बर्बादी हो जहाँ
जल त्रासदी निकट है वहां

जल प्रदूषण कम करने के करो प्रयास
क्योंकि जल ही है जीवन की आस

जल है तो कल है
जल नहीं तो कल नहीं