paheli in Hindi with answer 2021

4.7/5 - (3 votes)

लो दोस्तों मैं आपके लिए बहुत सी ऐसी पहेलियाँ (paheli in Hindi) लेकर आया हूँ जो बिलकुल नई हैं और आप अपना दिमाग लगाकर इन्हे सॉल्व जरूर करें और अपने मित्रों से भी इनको पूछे। मैं इसे हर हफ्ते अपडेट करता हूँ यानि आपके लिए हर हफ्ते नई पहेलियाँ आती रहेंगी इसलिए मेरे फेसबुक पेज को भी जरूर लाइक करें वहां से आपको हर अपडेट के बारे में जानकारी मिलती रहेगी तो जानिए ये पहेलियाँ।

paheli in Hindi with answer 2021

 तीन पैर की तितली, नहा-धोकर निकली

जवाब: समोसा


 न काशी, न काबाधाम, बिन जिसके हो चक्का जाम। पानी जैसी चीज है वह झट बताओ उसका नाम।

जवाब: पैट्रोल


3. शुरू कटे तो नमक बने, मध्य कटे तो कान। अंत कटे तो काना बने, जो न जाने उसका बाप शैतान।

जवाब: कानून


4. शिवजी जटा में गंगा का पानी जल का साधु, बूझो तो ज्ञानी।

जवाब: नारियल


मंदिर में इसे शीश नवायें, मगर राह में ठुकराये।

जवाब: पत्थर 


सिर काट दो दिल दिखाता हूँ, पैर काट दो आदर बना हूँ पेट काट दो कुछ न बताता प्रेम से अपना शीश नवाता।

जवाब: नमन


यदि मुझको उल्टा कर देखो लगता हूँ मैं नव जवान। कोई प्रथक नहीं रहता बूढ़ा, बच्चा या जवान।

जवाब: वायु


पैर नहीं पर चलती हूँ कभी न राह बदलती हूँ नाप-नाप कर चलती हूँ तो भी न घर से टलती हूँ।

जवाब: घड़ी


काला हूँ, कलूटा हूँ, हलवा पूरी खिलाता हूँ।

जवाब: कढ़ाई


लिखता हूँ पर पैन नहीं, चलता हूँ पर गाड़ी नहीं, टिक-टिक करता हूँ, पर घड़ी नहीं।

जवाब: टाइप राइटर


चलने को तो चलता हूँ, गर्मी में सुख पहुंचाता हूँ। पैर भी हैं मेरे तीन, मगर आगे बढ़ नहीं पाता हूँ।।

जवाब: पंखा


धरती में मैं पैर छिपाता, आसमान में शीश उठाता। हिलता पर कभी न चल पाता, पैरों से हूँ भोजन खाता, क्या नाम है मेरे भ्राता।

जवाब: पेड़


लाल-लाल आँखे,लम्बे-लम्बे कान रुई का फुहासा ,बोलो क्या है उसका नाम?

जवाब: खरगोश


रात गली में खड़ा-खड़ा, डंडा लेकर बड़ा-बड़ा। रहो जागते होशियार, कहता है वो बार-बार।

जवाब: चौकीदार


घोड़ा दौड़ा पटरी पर, फिर उड़ जायेगा ऊपर, बादल के प्यारे घर में, दूर हवा में अंदर में।

जवाब: हवाई जहाज


आई गर्मी, आया मैं बच्चों के मन भाया मैं, गुठली चुसो या फेकों, लाल सुनहरा आया मैं।

जवाब: आम


डिब्बे पे डिब्बा, डिब्बा का गाँव चलती फिरती बस्ती, लोहे के पाँव। 

जवाब: रेल


हरा हूँ पर पत्ता नहीं, नकलची हूँ पर बन्दर नहीं बूझो तो मेरा नाम सही।

जवाब: तोता


कद के छोटे कर्म के हीन, बीन-बजाने के शौकीन?

जवाब: मच्छर


एक खेत में ऐसा हुआ, आधा बगुला आधा सुआ।

जवाब: मूली


ऊपर से गिरा बम, उसमे हड्डी न दम।

जवाब: ओला


हरा चोर लाल मकान, उसमें बैठा काला शैतान, गर्मी में वह दीखता, सर्दी में गायब हो जाता।

जवाब: तरबूज


लाल-टेन पंखो में, उड़े अंधेरी रात में, जलती बाती बिना तेल के, जाड़े व बरसात में।

जवाब: जुगनू


हरी-हरी मछली के हरे-हरे अण्डे, जल्दी दे बूझिए वरना पड़ेंगे डण्डे।

जवाब: मटर की फली


आँखे दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार, घुसा आँखो में मेरा धागा, दरजी के घर से मैं भागा।

जवाब: बटन


छोटा सा सिपाही,उसकी खींच के पैंट उतारी।

जवाब: केला


दो किसान लड़ते जाये, उनकी खेती बढ़ती जाये।

जवाब: स्वेटर की बुनाई


कभी बड़ा हो कभी हो छोटा ,माह में एक दिन मारे गोता।

जवाब: चंद्रमा


काली-काली एक चुनरिया,जगमग जगमग मोती, आ सजती धरती के ऊपर,जब सारी दुनिया सोती

जवाब: रात


पीली पोखर,पीले अंडे । जल्द बता नहीं मारू डंडे ॥

जवाब: बेसन की कड़ी


छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता।

जवाब: दही बड़ा


दूध की कटोरी में काला पत्थर, जल्दी से तुम बताओ सोचकर।

जवाब: आँख


चाची के दो कान, चाचा के नहीं कान चाची अति सुजान, चाचा को कुछ न ज्ञान

जवाब: तवा और कढ़ाई


पाँच अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान।

जवाब: मलयालम


न ही मैं खाता हूँ, न ही मैं पीता हूँ फिर भी सबके घरों की, मैं रखवाली करता हूँ।

जवाब: ताला


हरी-हरी पूँछ, सफेद घोड़ा, बताने में समय, मैं लेता बहुत थोड़ा।

जवाब: मूली


मध्य कटे तो सास बन जाऊँ, अंत कटे तो सार समझाऊँ, मैं हूँ पंक्षी,रंग सफ़ेद, बताओ मेरे नाम का भेद।

जवाब: सारस


तीन अक्षर का मेरा नाम, प्रथम कटे तो रहूँ पड़ा, मध्य कटे तो हो जाऊँ कड़ा अंत कटे बनता कप, नहीं समझना इसको गप्प।

जवाब: कपड़ा


मैं अलबेला कारीगर काटूं काली घास, राजा, रंक और सिपाही सिर झुकाते मेरे पास।

जवाब: नाई


सिर पर हूँ पर बाल नहीं, बेसन हूँ पर दाल नहीं, सरपट में पर चाल नहीं, सरगम में पर ताल नहीं ?

जवाब: स अक्षर


सरपट दौड़े हाथ न आये, घड़ियाँ उसका नाम बताये।

जवाब: समय


पत्थर की नाव पर, बैठा सवार, चलती नहीं नाव, पर चलता सवार।

जवाब: सिल-बट्टा


न देखे न बोले फिर भी भेद खोले।

जवाब: पत्र

Leave a Comment